कैसे छलकाते हैं पैमाना सिखा
रिंद को तहज़ीब-ए-मैखाना सिखा
मस्त होना आप ही आ जाता है
मस्त होकर होश में आना सिखा
चाहता हूँ बेझिझक कुछ दिन जिऊँ
किस तरह बनते हैं दीवाना सिखा
हँसते हँसते खूब काटा है गला
मुझ को यह अंदाज़-ए-याराना सिखा
जाम सब को एकसा मिलता नहीं
घूँट कडवे हँस के पी जाना सिखा
रिंद को तहज़ीब-ए-मैखाना सिखा
मस्त होना आप ही आ जाता है
मस्त होकर होश में आना सिखा
चाहता हूँ बेझिझक कुछ दिन जिऊँ
किस तरह बनते हैं दीवाना सिखा
हँसते हँसते खूब काटा है गला
मुझ को यह अंदाज़-ए-याराना सिखा
जाम सब को एकसा मिलता नहीं
घूँट कडवे हँस के पी जाना सिखा
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