किसी की शानमें दीवान लिखना चाहता हूँ
मैं अदना शेरमें तारें पिरोना चाहता हूँ
तेरे आँचलमें छुपने का बहाना चाहता हूँ
के सचमें दूरियाँ सारी मिटाना चाहता हूँ
जुनूनेइश्क़ की हद आजमाना चाहता हूँ
किसी पत्थर के सीनेमें ठिकाना चाहता हूँ
सुना है लज़्ज़तेज़ख़्मेजिगर सबसे जुदा है
मुहब्बतमें ज़रासी चोट खाना चाहता हूँ
कलम गुस्ताख होने की इजाज़त चाहता है
तेरी तसवीर बेपर्दा बनाना चाहता हूँ
शरारत किस तरह करतें हैं सिखलाओ मुझे भी
किसी रूठी हसीना को मनाना चाहता हूँ
मैं अदना शेरमें तारें पिरोना चाहता हूँ
तेरे आँचलमें छुपने का बहाना चाहता हूँ
के सचमें दूरियाँ सारी मिटाना चाहता हूँ
जुनूनेइश्क़ की हद आजमाना चाहता हूँ
किसी पत्थर के सीनेमें ठिकाना चाहता हूँ
सुना है लज़्ज़तेज़ख़्मेजिगर सबसे जुदा है
मुहब्बतमें ज़रासी चोट खाना चाहता हूँ
कलम गुस्ताख होने की इजाज़त चाहता है
तेरी तसवीर बेपर्दा बनाना चाहता हूँ
शरारत किस तरह करतें हैं सिखलाओ मुझे भी
किसी रूठी हसीना को मनाना चाहता हूँ
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