बेवफा निकले लगे जो यारसे, हम क्या करें
चाक दामन की शिकायत खारसे हम क्या करें
नाम उनके कर दिया था दिल हमेशा के लिये
वह रहे कुछ दिन किरायेदारसे, हम क्या करें
तंगदिल ऐसे नहीं हम, है अभी काफी जगह
जख़्म दो दिल खोलकर, दो-चारसे हम क्या करें
लाख की कोशिश मगर बेकार, वह माने नहीं
इल्तिजासे, प्यारसे, तकरारसे, हम क्या करें
इश्क है वह मर्ज़ जो नजदीकियोंसे फैलता
कानमें कहने की बातें तारसे हम क्या करें
बात जज़्बों की नहीं, हर चीज का इक वक़्त है
जब बहारें ना रहें, गुलज़ारसे हम क्या करें
सूखकर काटा हुए हम और वह है बेखबर
दिल लगाया नासमझ दिलदारसे, हम क्या करें
फोड देंगे आज आँखें या जला देंगे नकाब
जी अगर भरता न हो दीदारसे, हम क्या करें
दूसरे गुलशनमें झाँकें तो हमें ना टोकना
आपको फुरसत नहीं सिंगारसे, हम क्या करें
पूछते हो आइना क्यों तर्क हमने कर दिया
और छुपने वक़्त के यलगारसे हम क्या करें
हमने दिल की आग शेरोंमें उतारी है, 'भँवर'
लग रहे अल्फ़ाज़ गर अंगारसे, हम क्या करें
चाक दामन की शिकायत खारसे हम क्या करें
नाम उनके कर दिया था दिल हमेशा के लिये
वह रहे कुछ दिन किरायेदारसे, हम क्या करें
तंगदिल ऐसे नहीं हम, है अभी काफी जगह
जख़्म दो दिल खोलकर, दो-चारसे हम क्या करें
लाख की कोशिश मगर बेकार, वह माने नहीं
इल्तिजासे, प्यारसे, तकरारसे, हम क्या करें
इश्क है वह मर्ज़ जो नजदीकियोंसे फैलता
कानमें कहने की बातें तारसे हम क्या करें
बात जज़्बों की नहीं, हर चीज का इक वक़्त है
जब बहारें ना रहें, गुलज़ारसे हम क्या करें
सूखकर काटा हुए हम और वह है बेखबर
दिल लगाया नासमझ दिलदारसे, हम क्या करें
फोड देंगे आज आँखें या जला देंगे नकाब
जी अगर भरता न हो दीदारसे, हम क्या करें
दूसरे गुलशनमें झाँकें तो हमें ना टोकना
आपको फुरसत नहीं सिंगारसे, हम क्या करें
पूछते हो आइना क्यों तर्क हमने कर दिया
और छुपने वक़्त के यलगारसे हम क्या करें
हमने दिल की आग शेरोंमें उतारी है, 'भँवर'
लग रहे अल्फ़ाज़ गर अंगारसे, हम क्या करें
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