इतनी वजह है काफी उनको पुकारने को
कोई ग़म नहीं है बाकी शेरों में ढालने को
मुड़तें थे पाँव घर को, यह प्यार था किसी का
वरना मकाँ कई थे रातें गुजारने को
यह जानती है शायद दरपर खडी बलाएँ
अब तू यहाँ नहीं है नज़रें उतारने को
सौ बार दिल की बाज़ी, बेशक, लगा चुका हूँ
पर मैं नहीं युधिष्ठिर हर दाँव हारने को
वह जा रहा है बचपन, वह आ रहा बुढापा
कुछ पल ही बीच में हैं अरमाँ निकालने को
दुनिया के रहगुज़ारोंमें कुछ तो बात होगी
आये-गये हैं कितने यह ख़ाक छानने को
दो दिन जिन्हें हैं जीना उनको हो गुल मुबारक
हमने चुने हैं काँटें जीवन सँवारने को...
कोई ग़म नहीं है बाकी शेरों में ढालने को
मुड़तें थे पाँव घर को, यह प्यार था किसी का
वरना मकाँ कई थे रातें गुजारने को
यह जानती है शायद दरपर खडी बलाएँ
अब तू यहाँ नहीं है नज़रें उतारने को
सौ बार दिल की बाज़ी, बेशक, लगा चुका हूँ
पर मैं नहीं युधिष्ठिर हर दाँव हारने को
वह जा रहा है बचपन, वह आ रहा बुढापा
कुछ पल ही बीच में हैं अरमाँ निकालने को
दुनिया के रहगुज़ारोंमें कुछ तो बात होगी
आये-गये हैं कितने यह ख़ाक छानने को
दो दिन जिन्हें हैं जीना उनको हो गुल मुबारक
हमने चुने हैं काँटें जीवन सँवारने को...
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