अगर दे दो इजाज़त, आपकी ज़ुल्फोंसे खेलेंगे
कभी जूडेसे खेलेंगे, कभी पेचोंसे खेलेंगे
किसी सूरत हमारा नाम आए आप के लब पर
कमस्कम इस तरह हम आप के होटोंसे खेलेंगे
गवाही दे रहा है चाक दामन बेकरारीका
जिन्हे है शौक फूलोंका वहीं काँटोंसे खेलेंगे
सभी किस्मत की बातें हैं, अगर हारे, न रोयेंगे
मुकद्दरने जो बाटें हैं, उन्ही पत्तोंसे खेलेंगे
सुखनवर कह गये हैं इश्क़ है इक आग का दरिया
अजी क्या डूबना, हम उम्रभर मौजोंसे खेलेंगे
3 टिप्पणियां:
किसी सूरत हमारा नाम आए आप के लब पर
कमस्कम इस तरह हम आप के होटोंसे खेलेंगे
अच्छी पंक्तिया लिखी है ........
यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
बेहद खूबसूरत और उम्दा प्रस्तुति ।
एक निवेदन:
कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>
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इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें.
बस हो गया..
कितना सरल है न हटाना और उतना ही मुश्किल
इसे भरना!! यकीन मानिये!!.
क्या बात है ! बहुत बढ़िया !!
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