अभी कुछ और है लड़ना ज़मानेसे
कभी का रूठता वरना ज़मानेसे
नहीं मंजूर गर कटना ज़मानेसे
तो है लाज़िम सुलह करना ज़मानेसे
लड़ाई एकतर्फा, जीत मुष्किल है
अभी इन्सान है अदना ज़मानेसे
ज़माना था कहाँ, पहुँचा कहाँ देखो
रहे मुफ्लिस वहीं, कहना ज़मानेसे
कई भूखें, कई नंगें, कई बेघर
अभी कितनों को हैं हटना ज़मानेसे
छुपा रख्खे हैं हमने ख्वाब सीनेमें
सहा जाता नहीं सपना ज़मानेसे
छुपाओ लाख मीना और साग़र को
छुपे ना, हाय, लड़खड़ना ज़मानेसे
हमीमें रह गई होगी कमी कोई
शिकायत क्या युँहीं करना ज़मानेसे
’भँवर’ने नाव को कुछ इस तरह मोडा
अलग होकर पड़ा बहना ज़मानेसे
रविवार, नवंबर 28, 2010
गुरुवार, नवंबर 18, 2010
हस्ती है हमारी किसी हुबाब की तरह
हस्ती है हमारी किसी हुबाब की तरह
उसपर यह दिल्लगी तेरी अज़ाब की तरह
लगते हो हमें आप माहताब की तरह
जो रात ढले चल दिया जनाब की तरह
गर ज़ख़्म किये हुस्नने; गिना न कीजिये
होता है कभी प्यार भी हिसाब की तरह?
नारा-ए-मुहब्बत लगा लगा के थक गये
है प्यार भी दुशवार इनकलाब की तरह
इक उम्र हुई तुम मिले, मगर खुमार है
चढती है मुलाकात भी शराब की तरह
मत पूछ हमें मैकदा नसीब क्यों हुआ
वह प्यास बढाते रहे सराब की तरह
परदा नहीं है फिरभी है पर्दानशीं 'भँवर'
ओढे हुए है वह हँसी नकाब की तरह
उसपर यह दिल्लगी तेरी अज़ाब की तरह
लगते हो हमें आप माहताब की तरह
जो रात ढले चल दिया जनाब की तरह
गर ज़ख़्म किये हुस्नने; गिना न कीजिये
होता है कभी प्यार भी हिसाब की तरह?
नारा-ए-मुहब्बत लगा लगा के थक गये
है प्यार भी दुशवार इनकलाब की तरह
इक उम्र हुई तुम मिले, मगर खुमार है
चढती है मुलाकात भी शराब की तरह
मत पूछ हमें मैकदा नसीब क्यों हुआ
वह प्यास बढाते रहे सराब की तरह
परदा नहीं है फिरभी है पर्दानशीं 'भँवर'
ओढे हुए है वह हँसी नकाब की तरह
शनिवार, नवंबर 13, 2010
शहर है यह या भरा बाज़ार है
शहर है यह या भरा बाज़ार है
बिक रहा है हर कोई, लाचार है
पत्थरोंके बीज बोए वक़्तने
अब जहाँ जाए नज़र, दीवार है
काम यह वैदो-हकीमों का नहीं
इस वतन की रूह तक बीमार है
ढाँपकर मुँह कर रहे ऐयाशियाँ
यूँ कहो के लोग इज़्ज़तदार है
हमकदम कैसे बने कोई तेरा
ज़िंदगी, कैसी तेरी रफ्तार है
बिक रहा है हर कोई, लाचार है
पत्थरोंके बीज बोए वक़्तने
अब जहाँ जाए नज़र, दीवार है
काम यह वैदो-हकीमों का नहीं
इस वतन की रूह तक बीमार है
ढाँपकर मुँह कर रहे ऐयाशियाँ
यूँ कहो के लोग इज़्ज़तदार है
हमकदम कैसे बने कोई तेरा
ज़िंदगी, कैसी तेरी रफ्तार है
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